कौंन से ग्रह किस भाव के कारक है?

कौंन से ग्रह किस भाव के कारक है?| Which planets are the factors of which house of astrology?

कौंन से ग्रह किस भाव के कारक है?| Which planets are the factors of which house of astrology?

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सूर्य – सूर्य हमारी आत्मा का कारक है यदि हमारा कारक ग्रह पीडित होता है अर्थात सूर्य पीडित है तो हमें जीवन में किसी न किसी परेशानी को झेलना पडता है इस कारण हमें सदैव सर्तक रहना चाहिए कि हमारा कारक ग्रह मजबूत हो यदि ग्रह कमजोर है तो उसे मजबूत करने के लिए हमें कुछ उपाय करने चाहिए।

जैसे सूर्य को मजबूत करने के लिए हमें सूर्य यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। सूर्य मंत्र ॐ श्रीं सूर्याय नमः का एक माला जाप करें। इसे हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाकर रखना चाहिए। जिससे आने वाली सभी परेशानियाँ कम हो जाती हैं।

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चन्द्र- चन्द्र हमारी मानसिक स्थिति का कारक है यदि हमारा कारक ग्रह पीडित होता है अर्थात चन्द्र पीडित है तो हमें जीवन में किसी न किसी परेशानी को झेलना पडता है इस कारण हमें सदैव सर्तक रहना चाहिए कि हमारा कारक ग्रह मजबूत हो यदि ग्रह कमजोर है तो उसे मजबूत करने के लिए हमें कुछ उपाय करने चाहिए।

जैसे चन्द्र को मजबूत करने के लिए हमें चन्द्र यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। चन्द्र  मंत्र ॐ सों सोमाय नमः की एक माला मानसिक जाप करें। इसे हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाकर रखना चाहिए। जिससे आने वाली सभी परेशानियाँ कम हो जाती हैं।

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मंगल- मंगल हमारी वीरता का कारक है यदि हमारा कारक ग्रह पीडित होता है अर्थात मंगल पीडित है तो हमें जीवन में किसी न किसी परेशानी को झेलना पडता है इस कारण हमें सदैव सर्तक रहना चाहिए कि हमारा कारक ग्रह मजबूत हो यदि ग्रह कमजोर है तो उसे मजबूत करने के लिए हमें कुछ उपाय करने चाहिए।

जैसे मंगल को मजबूत करने के लिए हमें मंगल यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। मंगल मंत्र ॐ भौं भौमाय नमः की एक माला जाप करें। इसे हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाकर रखना चाहिए। जिससे आने वाली सभी परेशानियाँ कम हो जाती हैं।

बुध- बुध हमारी बुद्धि चातुर्य का कारक है यदि हमारा कारक ग्रह पीडित होता है अर्थात बुध पीडित है तो हमें जीवन में किसी न किसी परेशानी को झेलना पडता है इस कारण हमें सदैव सर्तक रहना चाहिए कि हमारा कारक ग्रह मजबूत हो यदि ग्रह कमजोर है तो उसे मजबूत करने के लिए हमें कुछ उपाय करने चाहिए।

जैसे बुध को मजबूत करने के लिए हमें बुध यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। बुध मंत्र ॐ बुं बुधाय नमः की एक माला का मानसिक जाप करें। इसे हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाकर रखना चाहिए। जिससे आने वाली सभी परेशानियाँ कम हो जाती हैं।

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बृहस्पति- बृहस्पति हमारी ज्ञान का कारक है यदि हमारा कारक ग्रह पीडित होता है अर्थात बृहस्पति पीडित है तो हमें जीवन में किसी न किसी परेशानी को झेलना पडता है इस कारण हमें सदैव सर्तक रहना चाहिए कि हमारा कारक ग्रह मजबूत हो यदि ग्रह कमजोर है तो उसे मजबूत करने के लिए हमें कुछ उपाय करने चाहिए।

जैसे बृहस्पति को मजबूत करने के लिए हमें बृहस्पति यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। गुरु मंत्र ॐ बृं बृहस्पत्यै नमः की एक माला का मानसिक जाप करें। इसे हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाकर रखना चाहिए। जिससे आने वाली सभी परेशानियाँ कम हो जाती हैं।

शुक्र- शुक्र हमारी वैवाहिक संबंधों का कारक है यदि हमारा कारक ग्रह पीडित होता है अर्थात शुक्र पीडित है तो हमें जीवन में किसी न किसी परेशानी को झेलना पडता है इस कारण हमें सदैव सर्तक रहना चाहिए कि हमारा कारक ग्रह मजबूत हो यदि ग्रह कमजोर है तो उसे मजबूत करने के लिए हमें कुछ उपाय करने चाहिए।

जैसे शुक्र को मजबूत करने के लिए हमें शुक्र यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। शुक्र मंत्र ॐ शु शुक्राय नमः का मानसिक जाप करें। इसे हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाकर रखना चाहिए। जिससे आने वाली सभी परेशानियाँ कम हो जाती हैं।

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शनि- शनि हमारी आयु का कारक है यदि हमारा कारक ग्रह पीडित होता है अर्थात शनि पीडित है तो हमें जीवन में किसी न किसी परेशानी को झेलना पडता है इस कारण हमें सदैव सर्तक रहना चाहिए कि हमारा कारक ग्रह मजबूत हो यदि ग्रह कमजोर है तो उसे मजबूत करने के लिए हमें कुछ उपाय करने चाहिए।

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जैसे शनि को मजबूत करने के लिए हमें शनि यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। शनि मंत्र माला ॐ शं शनैश्चराय नमः का मानसिक जाप करें। इसे हमें अपने जीवन का हिस्सा बनाकर रखना चाहिए। जिससे आने वाली सभी परेशानियाँ कम हो जाती हैं।

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